तांडव वेब सीरीज को लेकर जब मैंने वीडियो बनाई तो बहुत से ऐसे हिन्दू धर्म के लोग ही हैं जो सवाल उठा रहे हैं की भाई तुम हिन्दू धर्म की बात क्यों कर रहे. तांडव अच्छी वेब सीरीज हैं उसमे कुछ भी गलत नहीं हैं वो तो कल्पना के आधार पर हैं. और इस तरह के हिन्दूओं पर मुझे सिर्फ शर्म आती हैं जो अपने आप को बहुत ज्ञानी और कूल डूड मानते हैं लेकिन असलियत में निहायती बेवक़ूफ़ किस्म की प्रजाति हैं.
मतलब आप हिन्दू हो लेकिन बीजेपी को छोड़कर किसी और पार्टी को पसंद करते हो और कोई आपके देवी देवता को अभद्र बातें कहे तो सही हैं क्यों ? क्यूंकि हिन्दू मतलब बीजेपी, बीजेपी मतलब हिन्दुओं के भगवान्. ठीक वैसे जैसे अभी कुछ दिन पहले अखिलेश यादव ने कहा था की ये कोरोना वैक्सीन बीजेपी की वैक्सीन हैं. भाई वैक्सीन का भी कोई जाती और धर्म होता है क्या ? वो भी किसी पार्टी का भक्त या चमचा हैं ?
मेरा बार बार यही कहना हैं की चाहे वो कोई भी धर्म हो. हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई. किसी भी धर्म पर गलत टिपण्णी करना. उनके देवी देवताओं का मज़ाक उड़ाना. वो भी सिर्फ खुद को पॉपुलर करने के लिए. फिल्म के प्रमोशन के लिए. अपनी स्टैंड आप कॉमेडी को बढ़ावा देने के लिए ये कहीं से भी सही नहीं हैं. किसी को आस्था को नुकसान पहुंचकर आप मशहूर हो भी गए तो वो किस काम की हैं.
जिस तरह से चली हेब्डो मुस्लिम धर्म पर कार्टून बनाकर पूरी दुनिया में वायरल हो गया लेकिन उसका फायदा क्या ? उसके चलते बेवज़ह बेगुनाह लोग मारे गए. ठीक वही बॉलीवुड की आदत बन चुकी हैं की हिन्दू धर्म को टारगेट करते रहों. इस तरह की फिल्मों और वेब सीरीज में पैसा भी दुबई और पाकिस्तान से लगता हैं.
अब कई लोग बोलते हैं की भाई पाकिस्तान के पास इतना पैसा कहा हैं जो बॉलीवुड की फिल्मों में लगाएं. तो भाई ये वही पाकिस्तान हैं जो आतंकवाद को बढ़ावा देता हैं. पाकिस्तान को इस काम में मदद करनेवाले कई देश हैं जिसमे चायना सबसे टॉप पर हैं. और चीन के गलत नीतियों को सपोर्ट करनेवाले हमारे अपने देश में भी कई लोग हैं.
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हे वीडियो में कहीं बात और उस वीडियो को समझाने के लिए दिया गया रिफरेन्स तक समझ नहीं आता हैं और खुद को ज्ञानी मानते हैं. तांडव को लेकर विवाद बढ़ ही रहा हैं और बढ़ना भी चाहिए. इस फिल्म से जुड़े जितने लोग हैं पहले उन्हें गिरफ्तार करो. जेल में भरो. इनकी कुटाई करो तब शायद ये सुधर सकें.
एक तरफ अक्षय कुमार राम मंदिर के लिए फंड्स जमा करने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ उनकी बीवी ट्विंकल तांडव वेब सीरीज को अच्छा बताती हैं. ये फॅमिली है वैसे बड़ी इंट्रेस्टिंग सारे पोलिटिकल पार्टीज को साथ लेकर चलती हैं.
एक समाजसेवी हैं खुर्शीद मालिक चिश्ती जिन्होंने एक मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की सैफ अली खान शैतान टाइप का इंसान हैं. अगर इसमें इतना ही दम हैं तो एक बार अपने धर्म के आराध्य की तस्वीर लेकर कोई फिल्म बनाएं इसे पता चल जायेगा की मुस्लिम धर्म इसके साथ क्या करेगा.
खुर्शीद मालिक चिश्ती का ये भी कहना हैं की चाहे वो किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री हो इस तरह की फिल्म बनानेवालों को जेल में डालो. इन पर कड़ी करवाई करों. जिस तरह की गंदी वेब सीरीज ये लोग बना रहे हैं वो हमारी नस्लों को खत्म कर देगा. उनका ये कहना हैं की आतंकवादी तो सिर्फ कुछ लोगो को मारते हैं लेकिन बॉलीवुड में इस तरह की फिल्म बनेवाले. अमेज़न प्राइम वीडियोस, हॉटस्टार, ऑल्ट बालाजी, उल्लू जैसे ऐप ये पूरा का पूरा समाज भी खत्म कर देने पर लगे हुए हैं.
इनका ये भी कहना हैं की भगवान् शिव हिन्दू धर्म के इतने बड़े आराध्य हैं उनका मज़ाक दो कौडी के कलाकार उड़ाएं ये उनकी औकात नहीं हैं. अब सोच लीजिये एक मुस्लिम धर्म के समाज सेवक की इतनी अच्छी सोच हैं. उन्हें भी पता हैं की ये गलत हैं. लेकिन हमारे अपने हिन्दू धर्म के कुछ लोगो के लिए ये साधारण सी बात लगती हैं. जबकि इन्ही लोगो को सिर्फ तांडव वेब सीरीज पर मुद्दा उठाना बुरा लग जाता हैं.
एक बात ये समझ नहीं आती की लोग हर चीज़ को किसी दूसरी चीज़ से जोड़कर क्यों देखते हैं. जो गलत है वो गलत हैं. मालाब आप सुशांत की बात करो दो आप मोदी भक्त हो. आप देश की बात करो तो मोदी भक्त हो. लेकन आप मोदी विरोध की बात करो तो ठीक है भाई. अब कुछ लोग आएंगे और कहेंगे की ये मौलाना भी मोदी भक्त हैं. ये असली मुस्लिम नहीं हैं. वगैरह वगैरह