बॉलीवुड लगातार स्ट्रगल कर रहा हैं की किसी तरह से उनकी डूबती नैया पार लग जाएं. थिएटर्स खुल जाएं. दर्शक चले आएं. और उनकी करोड़ो की कमाई हो सकें. लेकिन ये सब कुछ होता हुआ नज़र नहीं आ रहा हैं. इसकी एक नहीं कई वजह हैं.
जिसमे सबसे पहला सुशांत सिंह राजपूत का मामला, कोरोना का डर, लॉक डाउन में आम जनता पर महंगाई की मार, नौकरी का जाना ऊपर से स्कूल की फीस, बिजली का बिल, घर का राशन, बीमारी का इलाज़ जिस पर कई तरह के खर्च. और चौथी वजह जिस देश में सबसे ज़्यादा आबादी हिन्दुओं की हो उसी देश में बॉलीवुड लगातार हिन्दू धर्म पर हमले कर रहा हैं. इस बात को लेकर देश की जनता में काफी नाराज़गी हैं. जिसे लेकर लोग बॉलीवुड की फिल्म देखना ही नहीं चाहते.
जबकि वही पर साउथ की फिल्म मास्टर ने इस लॉक डाउन में कम ऑडियंस के साथ भी 200 करोड़ की कमाई कर ली हैं. तो बात यहाँ पर पैसे की नहीं बात आम जनता के गुस्से की हैं जो खत्म होते नज़र नहीं आ रही हैं.
सिनेमाघर के जो मालिक हैं उनकी हालत तो इतनी ख़राब हैं की गिनकर दो चार दर्शक जाते हैं लेकिन कम दर्शकों के चलते शो कैंसिल कर दिया जाता हैं. यहाँ तक की पूरे स्टाफ को सख्त हिदायत दी गयी हैं की बेवज़ह ऐसी, लाइट, पंखा ना चलाएं. अगर आप एक रूम से थोड़े देर के लिए भी बाहर जाते हैं तो लाइट और पंखे बंद कर दें .
अब इतनी समस्या के बाद सिनेमाघर के मालिकों ने सलमान खान से गुहार लगाई हैं की सलमान अपनी फिल्म राधे को ईद के मौके पर रिलीज़ करे ताकि उनकी फिल्म को देखने के लिए दर्शक सिनेमाघरों में टूट पड़ें.
लेकिन इन सिनेमाघर के मालिकों को शायद इस बात का अंदाज़ा नहीं हैं की आम जनता जो है वो सबसे ज़्यादा नाराज़ सलमान खान से ही हैं.की कब राधे रिलीज़ होगी और कब उस फिल्म की बैंड बजाई जाएगी. सलमान को ये लोग मसीहा समझ रहे हैं लेकिन मसीहा खुद की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. जिस बिग बॉस की टीआरपी कभी टॉप पर रहा करती थीं वो अब ज़मीन पर लेटे हुए मिल रही हैं. हालाँकि सलमान खान के प्रोडक्शन की फिल्म कागज़ को दर्शकों ने खूब पसंद किया. लेकिन वजह सलमान खान नहीं बल्कि पंकज त्रिपाठी हैं.
दूसरी फिल्म हैं शाहरुख़ खान की पठान. इस फिल्म को लेकर भी कई लोगों को काफ़ी उमीदें हैं लेकिन अफ़सोस की बात ये हैं की आम जनता खासकर सुशांत फैन्स इस फिल्म का अंतिम संस्कार करने की ठान चुके हैं. और अभी दो दिन पहले फिल्म के सेट पर एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने पठान फिल्म के डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद को ज़ोरदार थप्पड़ मार दिया है.
वजह ये थीं की असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म सेट पर रूल्स का पालन नहीं कर रहा था. मोबाइल लेकर घूमना, शूटिंग में दखलंदाजी. तो बार बार मना करने के बाद डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद ने उस असिस्टेंट डायरेक्टर को तमाचा मार दिया. नतीजा ये हुआ की असिस्टेंट डायरेक्टर ने भी डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद को मार दिया. अब उसे फिल्म से बाहर कर दिया गया है.
अब इस बात से शाहरुख़ खान काफ़ी डर गए हैं. शाहरुख़ ने सेट पर सिक्योरिटी और बढ़वा दी हैं ताकि कल को कोई उनके ऊपर हमला ना कर सकें. तो बॉलीवुड की यही दशा हैं. सांसें चल रही हैं लेकिन जनता ने बॉलीवुड को मृत घोषित कर दिया हैं. बॉलीवुड को पिछले साल साढ़े तीन हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ हैं. अगर यही हालत बनी रही तो आंकड़ा और भी बढ़ सकता हैं. देखियें ऐसा नहीं हैं की बॉलीवुड का नुक्सान होने से इन बड़े सितारों को फर्क पड़ेगा.
इन बड़े सितारों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्यूंकि इन लोगो ने अपनी करोड़ो की कमाए और ब्रांड वैल्यू बना कर रख ली हैं. लेकिन नुकसान उन मज़दूरों का हैं जो डेली वेजेस पर काम करते हैं. जो एक दिन काम ना करें तो उनके घर पर राशन न पहुंचे. तो फिलहाल बॉलीवुड किसके पापो की सजा भुगत रहा हैं पता नहीं लेकिन इस चीज़ के चलते सिनेमाघर के मालिक, वहा पर काम करने वाले लोग, फिल्म सेट पर काम करनेवाले मजदूर इनकी हालत बेहद ख़राब हैं.
इनमे से कई मजदूर ऐसे हैं की जिनके पास अब कोई काम नहीं बचा हैं. लॉक डाउन में जो अपने गाँव गए तो वो लौटकर नहीं आएं. क्यूंकि उन्हें किसी ने बुलाया ही नहीं. फिल्म मज़दूरों के हीतो के लिए काम करनेवाली यूनियन फिल्म स्टूडियो सेटिंग एंड अलायड मज़दूर यूनियन लगातार अभी भी अपने मजदूर भाईयों के लिए आवाज़ उठा रही हैं. उन्हें ज़रूरत के सामान पंहुचा रही हैं. ताकि किसी तरह वो अपना धैर्य बनाकर रखें और जब सब ठीक हो जाएँ तो वो अपने काम पर लौट जाएं.
अब बस यही देखना होगा की आनेवाला समय बॉलीवुड और उससे जुड़े मजदूरों के लिए कितना कठिन समय होगा.