ये दिवाली अर्नब वाली, सुप्रीम कोर्ट से अर्नब गोस्वामी को बेल मिल गयी हैं. इसी के साथ पूरे देश में जश्न का माहौल हैं. लोग मंदिरों में पूजा और हवन कर रहे हैं. ढोल नगाड़े बजाये जा रहे हैं. मिठाईयां बांटी जा रही हैं. ये सच की जीत हैं. जिस तरह से अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया. उनके साथ मारपीट की गयी. यहाँ तक की हाई कोर्ट ने भी अर्नब का साथ नहीं दिया. लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, हाई कोर्ट और महाराष्ट्र पुलिस को बहुत बड़ी फटकार लगाई हैं.
वही फॉर्मर अटोर्नीय जनरल ऑफ़ इंडिया मुकुल रोहतगी जी ने भी ये कहा की अगर सुसाइड लेटर में नाम लिखकर लोगों को जेल में डालने लगे तब भारत के सारे उद्योगपति और सारे नेता मंत्री जेल में होंगे.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अर्नब गोस्वामी और अन्य दो अभियुक्तों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम ज़मानत दी जाए.
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यदि हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? अगर राज्य सरकारें किसी व्यक्ति को जानबूझकर टारगेट करती हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए शीर्ष अदालत है.’
SC ने महाराष्ट्र सरकार को दी ये सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार को सलाह देते हुए कहा, ‘हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है. महाराष्ट्र सरकार को इस सब (टीवी पर अर्नब गोस्वामी के तानों) को नजरअंदाज करना चाहिए.’ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मैं अर्नब का चैनल नहीं देखता और आपकी विचारधारा भी अलग हो सकती है, लेकिन कोर्ट अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा नहीं करेगा तो यह रास्ता उचित नहीं है.’
सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र पुलिस से सवाल
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र से पूछा कि क्या अर्नब गोस्वामी के मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है? जस्टिस चंद्रचूड़ ने महाराष्ट्र पुलिस से पूछा, ‘अगर उन पर पैसा बकाया है और कोई आत्महत्या करता है, तो क्या यह अपहरण का मामला है? क्या यह कस्टोडियल पूछताछ का मामला है? अगर एफआईआर अभी भी लंबित है तो क्या उसे जमानत नहीं दी जाएगी?’
कुछ दिनों पहले एक सरकारी कर्मचारी ने आत्महत्या की और अपनी सुसाईड नॉट में लिखा कि ठाकरे सरकार ने तनखाह नही दिया इसलिए मैँ बदहाली में आत्महत्या कर रहा हूँ, मेरी हत्या का जिम्मेदार ठाकरे सरकार है.. तो आपलोग उद्धव ठाकरे को गिरफ्तार करोगे : साल्वे…!!
अगर नही तो इसी प्रकार के मामले में अर्नब को क्यों??
सुप्रीम कोर्ट के बेंच में सबसे हास्य उस वक्त बना जब कपिल सिब्बल ने कहा कि मुझे रिपब्लिक चैनल पर दिखाए जाने वाले कांटेक्ट से आपत्ति है
तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने हंसते हुए कहा कि क्या आपके पास रिमोट नहीं है अगर आपको रिपब्लिक चैनल अच्छा नहीं लगता तो मत देखो यहां तक कि मैं भी नहीं देखता लेकिन क्या इसके लिए आप किसी को जेल में डाल दोगे
यहाँ तक की अर्नब के वकील हरीश साल्वे जी ने इस मामले में अब सीबीआई जांच की मांग भी की हैं. अब आप सोच लीजिये की इस केस में आगे क्या होने वाला हैं. फिलहाल जसि तरह से पूरे देश में जश्न का माहौल हैं वो इस बात को दर्शाता हैं की महाराष्ट्र सरकार ने अर्नब गोस्वामी को हीरो बना दिया हैं. अब इंतेज़्ज़र होगा उस वक्त का जब अर्नब गोस्वामी आम जनता से बाते कर्नेगे और बताएँगे की उनके साथ क्या क्या हुआ.