एक बात बिलकुल भी समझ नहीं आ रही हैं की बुढ़ापे में अमिताभ बच्चन को हो क्या गया हैं. जिन मुद्दों पर बोलना चाहिए उस पर बोलते नहीं. किसी की पोस्ट कॉपी कर लेते हैं तो क्रेडिट नहीं देते. फिर एक दिन माफ़ी भी मांग लेते हैं. अब फिर एक ऐसी बात कह दी हैं की उनके खुद के ही फॉलोवर्स ने उन्हें चौतरफ घेर लिया हैं.
अमिताभ बच्चन ने एक पोस्ट शेयर की हैं जिसमे लिखा हैं,”याद रखना अक्सर वही लोग हम पर उँगली उठाते हैं, जिनकी हमें छूने की औक़ात नहीं होती.
अब इस पोस्ट को शेयर करने का क्या मतलब हैं. कोई सेंस है इसमें. बिलकुल नहीं हैं. लेकिन जिस तरह से आजकल उनको ट्रोल किया जा रहा हैं. सोशल मीडिया पर उनकी धज्जिया उड़ाई जा रही हैं उस बात से वो परेशान तो हैं लेकिन ये बात मीडिया में तो बोल नहीं सकते हैं. इसलिए ऐसे ऐसे कोट्स कहीं ना कहीं से कॉपी करके शेयर कर देते हैं. संक्षिप्त में कहें तो अपने भीतर की भड़ास उन लोग पर निकाल रहे हैं जो उनको ट्रोल करते हैं.
लेकिन उन्हें रिप्लाई कैसे कैसे मिल रहे हैं वो भी देख लीजिये. एक यूजर ने कहा,औकात तो आप जैसों की तभी पता चल गई थी जब आपने सुशांत प्रकरण में चुप्पी साध ली थी… फिर मेरे जैसे ना जाने कितने लोगों ने ईश्वर समान बच्चन को पूजना छोड़ दिया…
“छूना तो कोई टट्टी भी नहीं चाहता इसका मतलब ये नहीं हुआ कि टट्टी बहुत महान चिज़ है. तो आप भी ये मत सोचो कि आप महान हो और हा ये कॉपी पेस्ट करना छोड़ दो काहे हरिवंश राय बच्चन जी का नाम डूबा रहे हो.
बच्चन साहब @SrBachchan
पढा लिखा आदमी समझते थे आपको। ये रोज़ रोज़ का कॉपी पेस्ट वाला ज्ञान आपको पूरी तरह एक्सपोज़ कर चुका है।
आपको छूने की औकात किसमें है…???
आपको बड़े बनाने वाले छोटे ही तो होते है
छोटा व्यक्ति जब बड़ा बन जाता है तो वो अक्सर ऐसी ही बातें करता है
और उस पर उँगली उठाने की औकात किसी में होती है…???
वैसे बड़े बड़ायी ना करे , बड़े ना बोले बोल …..
इनसे इसी मूर्खता की अपेक्षा थी ,78 वर्ष की आयु में इतना अहंकार । पत्नी ने राज्य सभा में नशेड़ियों के लिए भद्द करायी थी और ये महोदय यहाँ। इसीलिए सरकार 60 साल में सेवानिवृत्त कर घर बैठा देती है । काम तो गंधर्व का ही है, लोगों के कारण ही महानायक हो ।
इतना घमंड ना कर ऐ मिट्टी के बने आदमी, जिसको आप छोटा कह रहे हो उन्हीं लोगो ने टिकट खरीदकर आपको बडा बनाया है। उनको धन्यवाद देना छोड़कर उन्हे ही तुच्छ कह रहे हो। याद रखे घमंड ही आदमी के पतन का कारण बना है इतिहास गवाह है कि बडे से बडे घमंडी लोग समय की मार पडने पर मिट्टी मेें मिल गए।
औक़ात तो साहब पैसों की मोहताज हैं। अगर उँगली कुछ ज़्यादा उठने लगे तो अपनी औक़ात टटोलने से ज़्यादा अच्छा हैं कि भूतकाल में जाके अपनी ग़लतियों का जायज़ा कर लिया जाए।
बुढ़ापे में सठिया ना इसे ही कहते हैं
जब रावण की अहंकार नहीं रहा तो तुम्हारी क्या औकात है.
यह भाषा आपकी नहीं हो सकती सर !
एक बड़ा-महान कलाकार ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकता। आप जिस क्षेत्र में बुलंदियों को छू रहे हैं वहाँ तो सड़क किनारे बैठा बिना किसी औकात का वो इंसान भी आप पर उंगली उठा सकता है जिसने कभी अपनी मेहनत की कमाई से आपकी एक भी फ़िल्म की टिकट खरीदी हो !
बात तो आपने पत्ते की करी
वैसे वह अमर सिंह कौन थे
कादर खान भी कुछ बोल कर गए थे
औकात पैसे और रुतबे से नहीं होती
जिस दिन अपनी अंतिम सांस ले रहे होगे तब अपनी औकात को भी साथ में ले जाना
अमिताभ बच्चन को बहुत से लोगो ने अपने अपने तरीके से रिप्लाई किया हैं. कुछ ने तो ये भी कहा की कोरोना का पहला टिका इनको ही लगाना. जब से अस्पताल से आये हैं बुद्धि गुड गोबर हो गयी हैं.
ये बात तो सही हैं की अमिताभ अपनी बनी बनाई इज्जत इसलिए गंवा रहे हैं की उन्हें लगता हैं की वो उस जनता को जवाब देकर अपनी भड़ास निकाल लेंगे जिसने इन्हे इतना बड़ा आदमी बनाया. भैया ये जनता हैं ये तो बड़ी बड़ी सरकार गिरा देती हैं आप तो फिर भी एक साधारण से कलाकार हो.