कांग्रेस 2014 से ही मिसगाईडेड मिसाइल की तरह किसी भी दिशा में भाग रही हैं. मतलब इनको पता ही नहीं क्या करना हैं ? क्यों करना हैं और इसका रिजल्ट क्या होगा ? पंजाब कांग्रेस में इस वक्त भरी उथल पुथल मची हैं. सिद्धू ने अमरिंदर सिंह की नाक में दम कर दिया था. सिद्धू के चलते कांग्रेस का नाम वैसे ही डूब रहा था.
कभी सिद्धू पाकिस्तान चले जाते हैं और जाकर बाजवा के गले मिल लेते हैं तो कभी पुलवामा पर गलत बयां देकर कपिल शर्मा शो से हाथ धोना पड़ता हैं. सिद्धू ने उस वक्त कहा था की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता कोई देश नहीं होता. वो सीधे सीधे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहे थे जैसा की हमारे देश में विपक्ष कई सालो से करता आ रहा हैं.
अब अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दिया हैं और अब बेजेपी ज्वाइन करनेवाले है. उधर सिद्धू पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन कांग्रेस की तो ये आदत रही हैं जो जितनी चापलूसी कर सकता हैं उसे उतना बड़ा पड़ मिलेगा.
कमलनाथ ने राजीव गांधी की गाड़ी चली तो वो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. चरणजीत सिंह चन्नी ने राहुल गांधी की गाड़ी चलाई तो वो अब पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए जिन पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगता हैं साथ ही एक लड़की ने METOO. का भी आरोप लगा था.
अब सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से क्या लिखा है “मैं समझौता नहीं कर सकता हूं। समझौता करने से शख्सियत खत्म हो जाती है। मैं पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं।’
कैप्टन अमरिदनेर सिंह ने ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह तक कहा था कि वह सिद्धू को किसी कीमत पर पंजाब का सीएम नहीं बनने देंगे। क्यूंकि सिद्धू जो है देशद्रोही हैं और एक देशद्रोही कभी पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता हैं.
वैसे सिद्धू ना घर के रहे ना घाट के रहे. अब लग रहा हैं वो आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेंगे. और मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश करेंगे. वैसे हमारे देश में भी बहुत से लोग हैं जो प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन आज तक बन नहीं पाए यही हाल सिद्धू का होगा वो कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे.