अफगानिस्तान में इस वक्त सरकार गिरी भी नहीं गिराई भी नहीं गयी बल्कि सरकार खुद ही भाग गयी. वो भी गाड़ी भर नोट के बंडल ले लेकर. अपने लोगो को मरने के लिए छोड़कर. लेकिन मौजूदा सरकार जो इस वक्त हैं अफगानिस्तान की यानी की तालिबान. ये सरकार बॉलीवुड के लिए बहुत बड़ी फायदेमंद साबित होगी. पूछो कैसे ?
तो ऐसे की अफगानिस्तान में अफीम की खेती होती हैं जो दुनिया में सबसे ज़्यादा वही पर होती हैं. शूटिंग करते करते थक गए. एनर्जी चाहिए. तुरंत खेतो से अफीम का एक पौधा तोडा और बकरी की तरह चबा लिया. हो गया ना जुगाड़.
सलमान खान की एक था टाइगर में तो सब कुछ नकली था. यहाँ तक की टाइगर श्रॉफ की बागी ३ में भी सब नकली था. लेकिन अफगानिस्तान में सब असली मिलेगा.
असली आतंकवादी, असली हथियार, असली बम, असली राकेट लांचर. सब कुछ असली. यहाँ तक की असली स्टंट्स मैन भी. दो दिन पहले आपने देखा ही होगा की कैसे अपनी जान पर खेलकर लोग भाग रहे थे. कोई हवाई जहाज के पहिये पर लटक गया तो कोई विंग्स पर. फिर आपने देखा होगा की कैसे हज़ारो फ़ीट ऊपर से उन लोगो ने छलांग भी लगाई.
सुनने में ये बात कुछ लोगो को चुभ सकती हैं लेकिन असलियत यही हैं. अफगानिस्तान में सब कुछ खत्म हो जाएगा. हमारे देश में कुछ लोग सेव गाज़ा और सेव फिलिस्तीन का नारा तो देते हैं. फ्रांस के विरोध में सड़को पर उतर कर दंगे भी करते हैं. लेकिन अफगानिस्तान में ऐसा क्या अलग हैं की वही लोग तालिबान का सपोर्ट कर रहे हैं. क्या वहा इंसान नहीं हैं.
हमारे देश में तो ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हे इंडिया में डर लगता हैं उसके बाद भी कहते हैं की अफगानिस्तान के लोगो को यहाँ पर जगह दे दो. जबकि अफगानिस्तान एक मुस्लिम देश हैं और OIC का मेंबर हैं लेकिन किसी मुस्लिम देश में उन्हें शरण नहीं दी जा रही हैं.
आमिर खान, नासिरुद्द्दीन शाह, स्वरा भास्कर और ना जाने ऐसे कितने बॉलीवुड के लोग हैं जिन्हे इंडिया में डर लगता हैं. क्यों रुके हो भाई. तालिबान तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हैं. जाओ अपनी स्टारडम वहा दिखाओ. खाल खींचकर उसमे भूंसा नहीं भर दिया तो कहना. सारी होशियारी बस इंडिया में दिखाओ.
अच्छा जैसे ही आप देशहित की बात करते हो आप मोदी भक्त हो जाते हो लेकिन ये लोग किसके भक्त हैं जिनके दिमाग में हमेशा देशविरोधी बयान और हरकतें ही चलती रहती हैं. आखिर तालिबान से ये लोग इतना क्यों डरते हैं. या तालिबान से इन्हे इतना प्यार हैं की उसकी बुराई नहीं कर सकते. ठीक वैसे ही जैसे रविश चीचा हैं जो दानिश सिद्दीकी की मौत को ये कहते हैं की लानत है उस गोली पर जिसने दानिश की जान ली.
तालिबान का नाम लेने पर मुँह में दही जम जाता हैं और इंडिया में इतना मुँह खुलता हैं की पूरा डायनासोर निगल ले ये इंसान. डर का ऐसा माहौल बताता हैं और बताकर टीवी की स्क्रीन को काला कर देता हैं. बेहतर है बालक एंड वाइट टीवी ही खरीद लेता. जैसी करतूत वैसी ज़िंदगी. सब कुछ काला ही काला हैं.
तो बॉलीवुड के लिए अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार बेहतर काम कर सकती हैं यहाँ तक की कुछ मीडिया वाले भी वहा जा सकते हैं. जल्दी ही शुरू हो रहा तालिबान टीवी न्यूज़. सबसे तेज़. इतना बम फोड़ेगा की पूरा न्यूज़ रूम धुवा धुवा हो जायेगा.