नवाब मालिक सिर्फ एक ही वजह से समीर वानखेड़े पर हमले कर रहे थे की उनके दामाद समीर खान को ड्रग्स मामले में क्यों अरेस्ट किया. फिर धीरे धीरे वो शाहरुख़ खान की टीम का भी हिस्सा बन गए. हालांकि ये कोई ऑफिसियल डील नहीं थीं की वो टीम का हिस्सा हैं लेकिन सब अंदर ही अंदर प्लान किया गया था.
अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले बार कुछ ढंग का काम किया हैं और समीर वानखेड़े के पिता की याचिका पर ध्यान दिया और नवाब मालिक को चेतावनी दी है की समीर वानखेड़े और उनकी फॅमिली पर कुछ भी बयान नहीं दे सकते है ना मीडिया में और ना ट्वीट के ज़रिये. और आगे से कुछ बात रखीं हैं तो प्रूफ के साथ रखें.
कोर्ट ने ये भी कहा की नवाब मालिक की इस तरह का काम शोभा नहीं देता हैं वो मंत्री है इसलिए वो गलत फायदा उठा रहे हैं और उन्हें कोई भी डाक्यूमेंट्स कही से भी तुरंत मिल जाता हैं. बातो यही बात मैंने भी कही थीं की अपने मंत्री होने का फायदा उठा रहे हैं और कोई भी डाक्यूमेंट्स मिंट भर में उन्हें मिल जाता हैं.
और ये लोग सिर्फ बीजेपी पर आरोप लगाते हैं बल्कि सत्ता का गलत इस्तेमाल खुद ही करते हैं. कोर्ट ने ये कहा की नवाब सिर्फ मीडिया ट्रायल पर फोकस करते हैं कोर्ट से उन्हें कोई मतलब नहीं हैं. आप सोचो कोई नेता अपनी गाडी का गलत फायदा उठा सकता हैं लेकिन उसे सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता हैं.