हमारे देश में हर पाप को अलग अलग तरह से डिसाइड किया जाता हैं. कौन सा पाप अच्छा हैं और कौन सा बुरा. कौन पापी बेचारा हैं और कौन सा नकारा. आर्यन खान पर ड्रग्स का आरोप लगा हैं लेकिन शुरुवात से ही बॉलीवुड उसे बेचारा और सीधा बता रहा हैं.
मीडिया का एक तबका ये बता रहा हैं की वो मुस्लिम हैं इसलिए फंसाया गया जबकि आर्यन के साथ अरेस्ट होने वाले बाकी लोग हिंदू हैं. लेकिन बॉलीवुड में ऐसे ही चलता हैं. जावेद अख्तर का कहना हैं.
फिल्म इंडस्ट्री को हाई प्रोफाइल होने के कारण कीमत चुकानी पड़ती है। जब आप हाई प्रोफाइल होते हैं, तो लोगों को आपको नीचे खींचने में मजा आता है और वो आप पर गंदगी फेंकते हैं। यदि आप कुछ नहीं हैं, तो आप पर पत्थर फेंकने का समय किसके पास है?
बताओ गंदगी जनता फेंक रही ? जो खुद गंदगी फैला रहा हैं वो साफ़ सफाई और सुंदरता की बात करते हैं. गंदगी के नाम पर कभी अश्लील कारोबार और फिल्म बनाओ, कभी हिंदू धर्म को बदनाम करो, हिंदू फेस्टिवल आते ही उस पर अपना सड़ा हुआ ज्ञान दो. ड्रग्स लो ये सब गंदगी नहीं हैं ये तो साफ़ सफाई का काम हैं.
प्रकाश झा जिन्होंने आश्रम वेब सीरीज बनाई वो कहते हैं, “मुझे नहीं पता कि मैं इस पर कैसे कमेंट कर सकता हूं। मुझे नहीं पता कि इस पर कौन कमेंट कर रहा है। मैंने इसके बारे में नहीं पढ़ा है। मैं केवल उस बेचारे बच्चे को जानता हूं, जो शाहरुख खान का बेटा है और वो मुसीबत में फंस गया है।”
इसी तरह बॉलीवुड कभी मुस्लिम कार्ड तो कभी बेचारा वाला कार्ड खेल रहा हैं. बेचारा इसलिए बताया जा रहा हैं क्यूंकि ये ड्रग्स वगैरह लेना, सेक्स करना, अश्लीलता फैलाना ये बॉलीवुड के नेपो किड्स के लिए स्टार्टर पैक हैं जो बेहद साधारण सी बात है इनके लिए. इसलिए बेचरा बताया जा रहा हैं.