कन्नड़ सिनेस्टार, पावर स्टार पुनीत राजकुमार एक रात पहले सब कुछ ठीक था सुबह ट्विटटर पर अपनी अगली फिल्म की बात भी कहीं. लेकिन हार्ट अटैक के चलते उनकी मौत हो गयी. उनकी कई फिल्मो को मैंने देखा है लेकिन कई बार हम साउथ के कई एक्टर्स का असली नाम तलाश नहीं कर पाते हैं. मुझे भी नहीं पता था.
लेकिन जब तस्वीर देखी की इनकी मौत हो गयी तो दुःख हुआ. लेकिन जब पुनीत राजकुमार के फिल्मो को छोड़ सोशल मीडिया पर जब उनके समाजहित कार्यों को देखा तो बहुत ज़्यादा दुःख हुआ की ईश्वर इन जैसे नेक दिल इंसान को इतनी जल्दी क्यों अपने पास बुला लेता हैं.
45 फ्री स्कूल, 26 अनाथालय,16 वृद्धाश्रम,19 गौशालाएँ..1800 अनाथ बेटियों को पढ़ाई लिखाई उनकी शादी और उसके बाद का खर्चा सब काम कर रहे थे. उनकी फिल्मे जब लगती थीं तब सौ सौ दिन तक सिनेमाघर से निकलती नहीं थीं.
किसी भी खेल, सामाजिक आयोजन के लिए एक पैसा नहीं लेते थे.कई बार खुद गाना गाकर चैरिटी के लिए पैसा इकट्ठा कर चुके थे.
साउथ की फिल्मो की सबसे अच्छी बात यही हैं की ये अपने संस्कारो को अपने जीवन और अपनी फिल्मो दोनों में जगह देते हैं. इसलिए बॉलीवुड के नशेड़ियों को वही पसंद करते हैं जो खुद की ज़िंदगी में नशा करते हैं जिन्हे नहीं पता की रोल मॉडल किसे बनाना चाहिए.
पूरा दिन मीडिया आर्यन की चापलूसी में लगा रहा लेकिन पुनीत राजकुमार को लेकर छोटी मोटी खबर दिखा दी मानो वो कोई साइड एक्टर थे. वैसे बिकी हुयी मीडिया से उम्मीद भी क्या की जा सकती है.
सोचिये मरने के बाद भी उन्होने अपनी आँखे दान कर दी. यानी जब तक जीए समाज और लोगो के लिए जीए और जब मरे तो भी अपने शरीर के कई हिस्से दान कर गए.
सिर्फ इतना ही नहीं पुनीत राजकुमार जब कन्नड़ KBC के होस्ट थे तो उनके पास हिन्दू धर्म के विरुद्ध एक प्रश्न आया पूछने के लिए, उन्होंने मना कर दिया और शो छोड़कर चले गए थे !
और एक बॉलीवुड वाले है हर रोज़ पानी पी पीकर हिन्दू धर्म को गालीया देते हैं. उनकी आस्था पर चोंट करते हैं. पुनीत राजकुमार से बॉलीवुड वालो की तुलना करना भी अपराध ही हैं. उनकी दीवानगी इस कदर थीं की उनकी मौत की खबर सुन उनके दो फंस की मौत हो गयी. लाखो लोग सड़को पर रोते नज़र आएं. पुनीत राजकुमार ने पूरी ज़िंदगी और मौत के बाद भी सिर्फ नाम ही कमाया हैं.
मैने आजतक किसी ऐसे महापुरुष को नहीं जानता जो इतना सब कुछ अपने लोगों के लिये कर रहे हो , और यह सब हमें तब पता चलता है जब वो इस दुनिया से चले जाते है।
उनकी फैन फॉलोइंग का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कर्नाटक सरकार को हालात काबू करने के लिए कई इलाकों में धारा 144 लागू करनी पड़ी है। मुख्यमंत्री बसवराज खुद अस्पताल पहुंचे हैं।
बॉलीवुड वाले बस फ़िल्मों में नायक बनते हैं असल जिंदगी में दोगले खलनायक हैं सब। नशाखोरी, वेश्यावृत्ति करने वाले इन नीच लोगों ने न केवल सनातन धर्म बल्कि युवा पीढ़ी और देश को बर्बाद करने के सिवा कुछ नही किया।